तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै । व्याख्या – श्री हनुमान जी परब्रह्म राम की क्रिया शक्ति हैं। अतः उसी शक्ति के द्वारा उन्होंने भयंकर रूप धारण करके असुरों का संहार किया। भगवान् श्री राम के कार्य में लेश मात्र भी अपूर्णता श्री हनुमान जी https://ciceror529aba6.newbigblog.com/profile